Wednesday, 6 March 2013

होली के पद—2


आज बिरज में होली रे रसिया, होली रे रसिया वरजोरी रे रसिया।
घर घर से सब ब्रज बनिता आयीं, कोइ सांवल कोई गोरी रे रसिया॥
आज ब्रज में होली रे रसिया........
इतते आवें कुँवर कन्हाई लाला, देखो उतते आईं राधा गोरी रे रसिया॥
आज ब्रज में होली रे रसिया........
कोई लावै चोवा कोई लावै चन्दन, कोई मलै मुख रोली रे रसिया॥
उड़त गुलाल लाल भये बदरा, मारत भर भर झोरी रे रसिया॥
आज बिरज में होली रे रसिया........
चन्द्रसखी भज बाल कृष्ण छवि, चिरजीवों यह जोड़ी रे रसिया॥
आज ब्रज में होली रे रसिया........

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